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असल में

आन मिलो आन मिलो शाम साँवरे
बृज में अकेले राधे खोई खोई फिरे

अभिजित देवनाथ ने जैसा सुना/समझा
आन मिलो आन मिलो शाम साँवरे
Bridge में अकेले राधे खोई खोई फिरे

बकौल अभिजित देवनाथ,
And I used to wonder as a kid why she chose a bridge of all places.
1 की पसंद - मेरी भी!
अरे! मैंने भी यही समझा था!


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