गाया है राशिद अली ने। लिखा है ए आर रहमान ने। गीतायन पर खोजें

असल में

सोच ज़रा गर जान तुझको हम कितना चाहते हैं

Viaa ने जैसा सुना/समझा
सोच ज़रा जाने जान तुझको हमें कितना जाते हैं

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