गाया है सोनू निगम, सुनिधि ने। लिखा है प्रसून जोशी ने। गीतायन पर खोजें

असल में

ये साज़िश है बूँदों की
कोई ख़्वाहिश है चुप-चुप सी

UVR ने जैसा सुना/समझा
ये साज़िश है *बोलों* की
कोई ख़्वाहिश है चुप-चुप सी

बकौल UVR,
'chup-chup sii' ke saath 'bolo.n' kaa qariibii rishtaa hai is liye 'buu.Ndo.n' ko sunakar bhii anasunaa kar diyaa hamane!
मज़ेदार है!
1 और ने यही समझा - मैंने भी!


चर्चा

पवन ने लिखा,

पवन क

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सर्वाधिकार सुरक्षित © 2005 विनय जैन