गाया है Lata, Kishore ने। लिखा है Indeevar ने। गीतायन पर खोजें

असल में

सारा प्यार तुम्हारा मैंने बाँध लिया है आँचल में
तेरे नए रूप की नई अदा हम देखा करेंगे पल-पल में

uvr ने जैसा सुना/समझा
सारा प्यार तुम्हारा मैंने *बाँट* लिया है आँचल में
तेरे *नैनों* की नई अदा हम देखा करेंगे पल-पल में

बकौल uvr,
बचपन में शर्मीला टैगोर की आँखें बहुत पसंद हुआ करती थीं -- और इस फिल्म, ख़ासकर इस गाने में, तो और भी ख़ूब लगती हैं. तो सहज ही दूसरी पंक्ति में "तेरे *नैनों* की नई अदा" सुनाई देता रहा बहुत सालों तक.
पहली पंक्ति में हुए मन-बोल का मेरे पास कोई "एक्सप्लेनेशन" नहीं है.
1 की पसंद - मेरी भी!
अरे! मैंने भी यही समझा था!


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