गीतायन पर खोजें

असल में

खो रहे हो आज किस ख़याल में
दिल फँसा है बेकसी के जाल में

prajakta ने जैसा सुना/समझा
दिल फँसा है *बेख़ुदी/बेख़ुशी* के जाल में

मज़ेदार है!
1 और ने यही समझा - मैंने भी!


चर्चा

प्रशान्त(PD) ने लिखा,

चलो भाई बढ़िया है.. कम से कम खुदखुशी तो नहीं सुना.. :D

आपकी बात

आपका नाम

0 + 4 =


सर्वाधिकार सुरक्षित © 2005 विनय जैन