गाया है शंकर महादेवन ने। लिखा है गुलज़ार ने। गीतायन पर खोजें

असल में

शहर के उस मोड़ पर, जहाँ से तू "पास" हो
कहे तो मैं ज़िंदगी भर वहीं पे रुकूँ

Pavan Jha ने जैसा सुना/समझा
शहर के उस मोड़ पर, जहाँ से तू *पास* हो
कहे तो मैं ज़िंदगी भर वहीं पे रुकूँ

बकौल Pavan Jha,
gulzar saab does it again.. he used english "pass" (guzaranaa) to the affect that hindi "paas" (near) too sound reasonable yet not correct..
1 की पसंद - मेरी भी!
2 और ने यही समझा - मैंने भी!


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