गाया है किशोर, लता ने। लिखा है नक़्श लायलपुरी ने। गीतायन पर खोजें

असल में

... जागती झील के साहिल पे कहीं ...

Raman Kaul ने जैसा सुना/समझा
... जागती *थी ले के* साहिल पे कहीं ...

बकौल Raman Kaul,
यह ग़लत बोल गीतायन पर मिले।
2 की पसंद - मेरी भी!
1 और ने यही समझा - मैंने भी!


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